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Surya Dev ki Aarti: रविवार के दिन जरूर पढ़ें सूर्यदेव की ये आरती, जीवन में आएगा बड़ा बदलाव!

Surya Dev ki Aarti: रविवार के दिन आपको सूर्यदेव की पूजा करने और जल चढ़ाने के अलावा इनकी आरती भी जरूर पढ़नी चाहिए. मान्यता है कि इससे उनकी जातकों पर विशेष कृपा बरसती है. यहां पढ़ें पूरी आरती.

Updated on: 05 May 2024, 11:31 AM

नई दिल्ली :

Surya Dev ki Aarti: हिंदू धर्म में रविवार का दिन ग्रहों के राजा सूर्यदेव की पूजा के लिए समर्पित माना जाता है. सूर्यदेव को कलयुग में एकमात्र दृश्य देवता के तौर पर भी जाना जाता है. मान्यता है कि रविवार के दिन सूर्य देव की पूजा करने से जीवन में सुख-शांति आती है.  आपको नियमित रूप से सूर्य देवता को जल चढ़ाना चाहिए. ऐसा करने से जीवन में खुशहाली आती है. इसके अलावा रविवार के दिन आपको सूर्यदेव की पूजा करने और जल चढ़ाने के अलावा इनकी आरती भी जरूर पढ़नी चाहिए. मान्यता है कि इससे उनकी जातकों पर विशेष कृपा बरसती है. यहां पढ़ें पूरी आरती. 

सूर्य देव की आरती (Surya Dev ki Aarti)

ॐ जय सूर्य भगवान, जय हो दिनकर भगवान।
जगत् के नेत्रस्वरूपा, तुम हो त्रिगुण स्वरूपा।
धरत सब ही तव ध्यान, ॐ जय सूर्य भगवान।।
।।ॐ जय सूर्य भगवान..।।

सारथी अरुण हैं प्रभु तुम, श्वेत कमलधारी। तुम चार भुजाधारी।।
अश्व हैं सात तुम्हारे, कोटि किरण पसारे। तुम हो देव महान।।
।।ॐ जय सूर्य भगवान..।।

ऊषाकाल में जब तुम, उदयाचल आते। सब तब दर्शन पाते।।
फैलाते उजियारा, जागता तब जग सारा। करे सब तब गुणगान।।
।।ॐ जय सूर्य भगवान..।।

संध्या में भुवनेश्वर अस्ताचल जाते। गोधन तब घर आते।।
गोधूलि बेला में, हर घर हर आंगन में। हो तव महिमा गान।।
।।ॐ जय सूर्य भगवान..।।

देव-दनुज नर-नारी, ऋषि-मुनिवर भजते। आदित्य हृदय जपते।।
स्तोत्र ये मंगलकारी, इसकी है रचना न्यारी। दे नव जीवनदान।।
।।ॐ जय सूर्य भगवान..।।

तुम हो त्रिकाल रचयिता, तुम जग के आधार। महिमा तब अपरम्पार।।
प्राणों का सिंचन करके भक्तों को अपने देते। बल, बुद्धि और ज्ञान।।
।।ॐ जय सूर्य भगवान..।।

भूचर जलचर खेचर, सबके हों प्राण तुम्हीं। सब जीवों के प्राण तुम्हीं।।
वेद-पुराण बखाने, धर्म सभी तुम्हें माने। तुम ही सर्वशक्तिमान।।
।।ॐ जय सूर्य भगवान..।।

पूजन करतीं दिशाएं, पूजे दश दिक्पाल। तुम भुवनों के प्रतिपाल।।
ऋतुएं तुम्हारी दासी, तुम शाश्वत अविनाशी। शुभकारी अंशुमान।।
।।ॐ जय सूर्य भगवान..।।

ॐ जय सूर्य भगवान, जय हो दिनकर भगवान।
जगत् के नेत्रस्वरूपा, तुम हो त्रिगुण स्वरूपा।स्वरूपा।।
धरत सब ही तव ध्यान,
।।ॐ जय सूर्य भगवान।।

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)