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कर्नाटक: कांग्रेस का दावा- सरकार को कोई खतरा नहीं, गुरुग्राम के 'किले' में बीजेपी विधायक

मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि उन्होंने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं और कर्नाटक के मुख्यमंत्री एच.डी. कुमारस्वामी से बात की है और उन्होंने आश्वस्त किया है कि सत्तारूढ़ गठबंधन को कोई खतरा नहीं है.

Updated on: 16 Jan 2019, 10:49 PM

नई दिल्ली:

कर्नाटक में कांग्रेस विधायकों की खरीद-फरोख्त की भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की कथित कोशिश से संबंधित खबरों के बीच, कांग्रेस ने बुधवार को कहा कि कर्नाटक में गठबंधन सरकार को कोई खतरा नहीं है और एक 'स्थिर गठबंधन' को अस्थिर करने का बीजेपी का प्रयास सफल नहीं होगा. कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि उन्होंने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं और कर्नाटक के मुख्यमंत्री एच.डी. कुमारस्वामी से बात की है और उन्होंने आश्वस्त किया है कि सत्तारूढ़ गठबंधन को कोई खतरा नहीं है.

उन्होंने कहा, 'बीजेपी का प्रयास सफल नहीं होगा. हमारी सरकार मजबूत है और यह चलती रहेगी. गठबंधन को कोई खतरा नहीं है.' इससे पहले दिन में, कुमारस्वामी ने भी कहा था कि सरकार को कोई खतरा नहीं है. बीजेपी पर विधायकों और लोगों को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए, खड़गे ने कहा कि पार्टी (बीजेपी) यह कहकर विधायकों के पास जा रही है कि 'हमने पहले से ही आपके 11 विधायकों को अपने साथ मिला लिया है और आप हमारे साथ जुड़ेंगे तो हमारे 12 विधायक हो जाएंगे.'

उन्होंने कहा, 'ऐसा कुछ नहीं है. बीजेपी अफवाह फैलाकर विधायकों को गुमराह करने की कोशिश कर रही है.' खड़गे ने कहा कि बीजेपी जोड़-तोड़ कर सरकार बनाने का प्रयास कर रही है. कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने बुधवार को गुरुग्राम में उस रिसॉर्ट के बाहर प्रदर्शन किया, जहां करीब बीजेपी के 100 विधायकों को ठहराया गया है.

बेंगलुरु में सत्ता को पलटने की कोशिशों की आवाजों के बीच एकांत में लाए गए कर्नाटक बीजेपी के 104 विधायकों पर गुरुग्राम की ठंड का कोई असर नहीं है. उनके दिन और रातें लक्जरी रिसॉर्ट में पूरे सुकून से गुजर रही हैं. आश्चर्यजनक रूप से, बीजेपी के विधायकों को कर्नाटक के पास के बीजेपी शासित राज्यों महाराष्ट्र, गुजरात या गोवा नहीं ले जाया गया, बल्कि सुरक्षा के लिए हरियाणा लाया गया. खरीद-फरोख्त से बचने के लिए रिसॉर्ट को एक तरह से किले में तब्दील कर दिया गया है जहां सशस्त्र सुरक्षाकर्मियों ने कमान संभाल रखी है.

विधायकों की सुबह पूरे दोस्ताना माहौल में पूर्व मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा संग नाश्ते के साथ हुई. कांग्रेस-जेडी (एस) गठबंधन को जहां सत्ता से हटाने की कोशिश चल रही है, वहीं बीजेपी नेता इस बात को लेकर चौकन्ने हैं कि कहीं कांग्रेस के चतुर रणनीतिकार डी शिवकुमार उनकी ही पार्टी में सेंध न लगा दें. अरावली पर्वत से घिरे मानेसर के इस रिसॉर्ट में शिफ्ट बदल-बदल कर 100 से ज्यादा सुरक्षाकर्मी आस-पास निगाह रखे हुए हैं.

हालांकि बीजेपी विधायकों ने बयान दिया था कि उन्हें लोकसभा चुनाव की तैयारियों के मद्देनजर गुरुग्राम बुलाया गया है. रिसॉर्ट में विधायक काफी खुश मूड में और पूरी तरह से आराम की मुद्रा में दिख रहे थे. इनमें से कई को करीने से तराशे गए लॉन पर एक साथ चलते हुए, क्रिकेट, फुटबॉल व बैडमिंटन खेलते देखा गया.

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रिसॉर्ट के प्रवेश द्वार पर मीडिया के लोग जमे हुए हैं. उन्हें लगातार होटल की तरफ से पानी, चाय और स्नैक्स दिया जा रहा है. जब होटल प्रबंधन से इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने मेहमानों और उनके क्रियाकलापों के बारे में कुछ भी कहने से इनकार कर दिया.

सत्तारूढ़ जद(एस)-कांग्रेस और विपक्षी बीजेपी पिछले कुछ दिनों से एक-दूसरे पर विधायकों की खरीद-फरोख्त का आरोप लगा रही हैं. इससे पहले मंगलवार को हावेरी जिले के रानेबन्नुर विधानसभा क्षेत्र के कर्नाटक प्रगनावंथा जनता पार्टी (केपीजेपी) के विधायक आर. शंकर और कोलार जिले के मुलबागल विधानसभा क्षेत्र के निर्दलीय विधायक एच. नागेश ने गठबंधन सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया था.

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एक नामित सदस्य को मिलाकर राज्य की कुल 225 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस के पास 80 विधायक, जद (एस) के पास 37 विधायक, भाजपा के पास 104 विधायक हैं. निर्दलीय विधायक नागेश और केपीजेपी विधायक शंकर ने सरकार से समर्थन वापस ले लिया है. जबकि बहुजन समाज पार्टी के एक विधायक ने गठबंधन सरकार को अपना समर्थन बरकरार रखा है.

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