China: कोरोना की पहली वैक्सीन बनाने वाला वैज्ञानिक भ्रष्टाचार के आरोप में फंसा, चीन ने की सख्त कार्रवाई
China Corona Vaccine Scientist: चीन की पहली कोरोना वैक्सीन बनाने वाले वैज्ञानिक पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे हैं. इसके बाद चीन ने इस वैज्ञानिक पर सख्त कार्रवाई करते हुए संसद से बर्खास्त कर दिया है.
highlights
- कोरोना वैक्सीन बनाने वाले वैज्ञानिक पर चीन की कार्रवाई
- भ्रष्टाचार के आरोप में फंसने के बाद संसद से किया बर्खास्त
- चीन की पहली कोरोना वैक्सीन बनाने वाली टीम में थे शामिल
नई दिल्ली:
China Corona Vaccine Scientist: कोरोना वायरस आने के बाद चीन में पहली कोविड-19 वैक्सीन बनाने वाले वैज्ञानिक पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं. इसके बाद चीन ने उसपर सख्त कार्रवाई करते हुए संसद से बर्खास्त कर दिया है. बता दें कि चीन में पहली कोरोना वैक्सीन चाइना नेशनल फार्मास्युटिकल ग्रुप की वैक्सीन सहायक कंपनी चाइना नेशनल बायोटेक ग्रुप (CNBG) ने बनाई थी. जिसके अध्यक्ष यांग जियाओमिंग थे. जिन पर अब अनुशासन और कानून के गंभीर उल्लंघन के आरोप लगे हैं. इसके बाद चीन की नेशनल पीपुल्स कांग्रेस (एनपीसी) से उन्हें बर्खास्त कर दिया गया. बता दें कि 62 वर्षीय यांग जियाओमिंग एक नामी रिसर्चर हैं सीएनबीजी की कमान संभालने के साथ-साथ उन्होंने सिनोफार्म BBIBP-CorV वैक्सीन बनाने वाली टीम की अगुआई भी की थी, जिसने चीन की पहली कोरोना वैक्सीन बनाई थी.
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यांग की बर्खास्तगी चीन की सबसे बड़ी कार्रवाई
बताया जा रहा है कि वैज्ञानिक यांग की बर्खास्तगी चीन की स्वास्थ्य सेवा प्रणाली की सबसे बड़ी कार्रवाई मानी जा रही है, जिसे पिछले कुछ साल में राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने व्यापक भ्रष्टाचार विरोधी अभियान के विस्तार के रूप में शुरू किया है. इसका उद्देश्य रिश्वतखोरी और व्यापक भ्रष्टाचार को जड़ से खत्म करना है. इसके साथ ही चीनी सरकार अस्पतालों, दवा कंपनियों और बीमा फंडों पर भी कार्रवाई कर रही है. इस संबंध में बीते सालों में चीन के दर्जनों अस्पताल के प्रमुखों को हिरासत में लिया गया है.
चीन के वुहान से हुई थी कोरोना की शुरुआत
बता दें कि कोरोना वायरस का पहले मामला दिसंबर 2019 में चीन के वुहान शहर में आया था. जहां सबसे पहले एक महिला इस जानलेवा वायरस से संक्रमित हुई थी. उसके बाद इसने धीरे-धीरे चीन को अपनी जद में लिया और उसके बाद पूरी दुनिया में फैल गया. इस जानलेवा वायरस ने कई लाख लोगों की जान ले ली. एनसीपी के मुताबिक, यांग की पहले से ही पार्टी की अनुशासनात्मक संस्था केंद्रीय अनुशासन निरीक्षण आयोग जांच कर रहा है. बता दें कि सिनोफार्म शॉट और सिनोवैक बायोटेक की कोरोनावैक कोरोना के लिए सबसे ज्यादा इस्तेमाल की कई वैक्सीन थी. इसके साथ ही इसे बड़ी मात्रा में चीन से बाहर भी भेजा गया था.
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यांग के अलावा कई अन्य के खिलाफ जांच जारी
बता दें कि चीन सरकार यांग के अलावा कई और लोगों के खिलाफ भी जांच कर रही है. इनमें सिनोफॉर्म के सीनियर एग्जीक्यूटिव रहे जोउ बिन का नाम भी शामिल है. उनके खिलाफ सीसीडीआई ने जनवरी में जांच शुरू की थी. गौरतलब है कि चीन के 863 नेशनल प्रोग्राम और प्रशासनिक मंचों को सरकारी से फंड मिलता है. जिससे एडवांस टेक्नोलॉजी पर काम किया जा सके. यांग और उनकी टीम द्वारा बनाई गई कोरोना की वैक्सीन को दिसंबर 2020 में सामान्य इस्तेमाल के लिए मंजूरी दी गई थी. यांग को महामारी से लड़ने में उनकी भूमिका के लिए सितंबर 2020 में राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किए गए थे. इसके बाद उन्हें चाइनीज सोसाइटी ऑफ इम्यूनोलॉजी ने टॉप स्कॉलर के रूप में मान्यता दी गई थी.
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