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RJD को बड़ा झटका, हाजी अब्दुस ने पार्टी से दिया इस्तीफा

चुनाव के पहले चरण के मतदान से ठीक एक दिन पहले आरजेडी को बड़ा झटका लगा है. पार्टी के दिग्गज नेता हाजी अब्दुस सत्तार ने अपने समर्थकों के साथ आरजेडी का साथ छोड़ते हुए जेडीयू का हाथ थाम लिया है.

Updated on: 18 Apr 2024, 07:32 PM

highlights

  • आरजेडी को बड़ा झटका
  • हाजी अब्दुस ने पार्टी से दिया इस्तीफा
  • हाजी अब्दुस ने थामा जेडीयू का हाथ

Patna:

चुनाव के पहले चरण के मतदान से ठीक एक दिन पहले आरजेडी को बड़ा झटका लगा है. पार्टी के दिग्गज नेता हाजी अब्दुस सत्तार ने अपने समर्थकों के साथ आरजेडी का साथ छोड़ते हुए जेडीयू का हाथ थाम लिया है. बता दें कि आरजेडी के राष्ट्रीय सचिव हाजी अब्दुस सत्तार आलमनगर विधानसभा क्षेत्र से हैं. हाजी अब्दुस सत्तार ने आरजेडी पर हमला करते हुए कहा कि आरजेडी पूरी तरह से अब परिवारवाद की पार्टी बन चुकी है. लालू यादव अपने बेटे और बेटी के मोह में पार्टी के कर्मठ कार्यकर्ताओं को अनदेखा कर रहे हैं. यही वजह है कि इस बार बिहार में आरजेडी का पत्ता साफ हो जाएगा. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि शरद यादव के साथ वे इस पार्टी के दलदल में आकर फंस गए. अब इस पार्टी में घुटन महसूस हो रही थी, लेकिन अब फिर से अपने पुराने घर में वापस लौट आए हैं.

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हाजी अब्दुस ने पार्टी से दिया इस्तीफा

इतना ही नहीं आगे बोलते हुए हाजी अब्दुस सत्तार ने कहा कि इस बार बिना तेल वाला लालटेन बिहार में बुझ जाएगा, जबकि एनडीए गठबंधन देशभर में 400 से अधिक सीट पर जीत दर्ज करेगा. पूर्व केंद्रीय मंत्री व आरजेडी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष देवेंद्र प्रसाद यादव ने भी बुधवार को पार्टी पद से इस्तीफा सौंप दिया है. बता दें कि कुछ समय से देवेंद्र प्रसाद यादव पार्टी से नाराज चल रहे थे. दरअसल, देवेंद्र प्रसाद झंझारपुर सीट से लोकसभा चुनाव लड़ना चाहते थे, लेकिन महागठबंधन ने यह सीट विकासशील इंसान पार्टी को दे दी गई. आरजेडी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ने इस्तीफा देते हुए आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को पत्र लिखा.

देवेंद्र प्रसाद ने 1 दिन पहले दिया था इस्तीफा

पत्र में आगे देवेंद्र प्रसाद यादव ने लिखा कि पार्टी ने किसी भी समाजवादी विचारधारा वाले कार्यकर्ता को झंझारपुर व अन्य जगहों से उम्मीदवारों का आयात किया है. ये प्रत्याशी अगर पार्टी के कर्मठ कार्यकर्ता या पार्टी के लिए समर्पित नेता होते तो मुझे कोई शिकायत नहीं होती, लेकिन सांप्रदायिक शक्ति के पोषक दलों को पैराशूट से उतारकर एक दिन में उम्मीदवार बना दिया गया है. यह संस्कृति जो पार्टी में पनप रही है, उससे पूरी तरह से घुटन महसूस हो रहा है और मैं आश्चर्य चकित हूं. जिसकी वजह से मेरी अंतरात्मा कह रही है कि अब पार्टी में एक भी क्षण नहीं रह सकता.