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अशोक गहलोत के पूर्व OSD लोकेश शर्मा का बड़ा खुलासा, कहा- फोन टैपिंग मामले में मुझे बलि का बकरा बनाया गया

लोकेश शर्मा ने कहा कि अशोक गहलोत अपने फायदे के लिए लोगों का उपयोग करते हैं. उन्हें अकेला छोड़ देते हैं. तब सीएम आवास पर इस बात की चर्चा हुई कि गजेंद्र सिंह शेखावत और सचिन पायलट की छवि को किस तरह से खराब किया जाए.

Updated on: 25 Apr 2024, 05:48 AM

नई दिल्ली:

लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण के मतदान से दो दिन पहले राजस्थान में सियासी हलचल तेज हो गई है. 'फोन टैपिंग' को लेकर राजस्थान के पूर्व सीएम अशोक गहलोत के OSD रहे लोकेश शर्मा ने बड़ा खुलासा किया है. उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में 2020 में फोन टैपिंग मामले में कई बड़े खुलासे किए. उन्होंने कहा, इस मामले में दिल्ली में क्राइम ब्रांच की ओर से कई बार 8 से 9 घंटे की पूछताछ के बावजूद वे अब तक चुप थे. मगर जो इस मामले में जिम्मेदार था, उसने मुझे मझधार में छोड़ने का निर्णय लिया. उन्हें बलि का बकरा बनाया गया. 

लोकश शर्मा ने अशोक गहलोत पर आरोप लगाया है कि उन्होंने उन्हें गजेंद्र सिंह शेखावत और अन्य की फोन रिकॉर्डिंग दी थी. इससे पहले मैंने कहा था, मुझे सोशल मीडिया के जरिए ये रिकॉर्डिंग मिली थी. मगर यह बिल्कुल भी सच नहीं है. ये रिकॉर्डिंग उन्हें एक पेन ड्राइव में मिली थी. गहलोत ने उन्हें केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और कांग्रेस नेता भंवरलाल शर्मा की ऑडियो क्लिप एक पेन ड्राइव में दी थी. उन्होंने इसे मीडिया में फैलाने के  लिए कहा था. लोकेश ने कहा कि अशोक गहलोत सरकार को गिराने के प्रयास में भाजपा का हाथ था.

बातचीत की रिकॉर्डिंग चलाई

लोकेश शर्मा के आरोपों के तहत जब सचिन पायलट और उनके करीबी विधायक हाईकमान से मिलने जाने की योजना बना रहे थे, तो उनके फोन टैपिंग पर लगाए गए. प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान लोकेश शर्मा ने अशोक गहलोत संग अपनी कथित बातचीत की रिकॉर्डिंग को चला दिया. इसमें अशोक गहलोत लोकेश शर्मा ये पूछते हुए सुनाई देते हैं कि जिस फोन से मीडिया कर्मियों को रिकॉर्डिंग भेजी थी, वह नष्ट हो गई है या नहीं. इस पर लोकेश बोलते हुए सुनाई देते हैं 'मैंने मीडिया को यह बताया कि ऑडियो रिकॉर्डिंग मुझे सोशल मीडिया से हासिल हुई.' पूर्व ओएसडी का कहना है कि 'मेरे गुरु (अशोक गहलोत) ने राजनीतिक उद्देश्य को लेकर उनका उपयोग किया.  उन्हें लगा कि वह फोन नष्ट नहीं हुआ है. 

कार्यालय पर एसओजी की छापेमारी सामने आई

​फोन टैपिंग में उनकी किसी तरह की भागीदारी नहीं ​थी. 26 नवंबर 2021 को उनके कार्यालय पर एसओजी की छापेमारी सामने आई. यह अशोक गहलोत की पूरी सच्चाई है. इस तरह से आप देख सकते हैं कि वह कैसे अपने फायदे को लेकर लोगों का उपयोग करते हैं. उन्हें अकेला छोड़ देते हैं. सचिन पायलट और अन्य लोगों के फोन सर्विलांस पर रखे गए थे. गहलोत के घर इस बात की चर्चा हुई कि गजेंद्र सिंह शेखावत और सचिन पायलट की छवि किस तरह से खराब की जाए.'